रंगोली प्रतियोगिता में निर्णायको पर भारी पड़ा आम जनता का निर्णय


श्रद्धापूर्वक साईं भक्तों ने किए साईं बाबा के दर्शन एवं अनेक लोगों द्वारा कलाकारों को निजी पुरस्कारों से पुरस्कृत किया गया 

महू, दीपावली के दूसरे दिन ढोकपड़वा महू का ऐतिहासिक पर्व होता है विगत वर्षों से इस परंपरा में उदासीनता का वातावरण बना हुआ था किंतु इस वर्ष अनेक संस्थानों एवं व्यक्तिगत विचारों से यह उदासीनता समाप्त होकर यह त्यौहार वापस अपने स्वरूप में आ गया 

इसमें रंगोली प्रतियोगिता रखी जा कर बहुत ही अच्छा माहौल बनाया गया किंतु बनाई गई 270 से अधिक रंगोली का जो निर्णय आया उससे आम जनता को निराशा हुई , प्रत्येक व्यक्ति के मुंह से एक ही शब्द निकला की यह निष्पक्ष निर्णय नहीं है 

अनेक लोगों का निर्णय पर कहना था कि मोदी जी ,श्रीनाथजी, साईं बाबा ,आदि अनेक ऐसी रंगोलियां थी जो की निर्णय किया गया उससे बेहतर थी और उन्हें ऐसा लगा की निर्णय राजनीति से प्रेरित होकर थोपा गया है वही पारसी गली में कुमारी प्राची शर्मा द्वारा साईं बाबा की रंगोली की रंगोली जो बनाई गई थी उसे सुबह 11:00 बजे से रात्रि 10:00 बजे तक 10,000 से अधिक महिलाएं पुरुषों एवं साईं भक्तों ने  निहारा एवं आयोजन समिति के निर्णय के बाद निजी रूप से पुरस्कृत किया गया निर्णय के बाद प्राची शर्मा को मिलने वालों की इतनी भीड़ लग गई की पारसी गली में जाम जैसी स्थिति कई बार आ गई कुल मिलाकर सभी ने निर्णय को सही नहीं बताया अर्थात निर्णायक के निर्णय पर आम जनता का निर्णय भारी पड़ा

सभी का कहना था कि इतने बड़े आयोजन में भेदभाव और राजनीति को अलग रखकर निर्णय को आम जनता क्या चाहती है इसका भी ध्यान रखना था किंतु नहीं रखा गया और जो निर्णय हुआ वह सभी की समझ से परे था।